27 Jun Shlok Snaan Mantr Shlok June 28, 2023 By admin 0 comments ॐ गङ्गे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती | नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिं कुरु ॥ अर्थ - हे माँ गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा,...Continue reading
09 Aug Shlok Saraswati Mata Shlok September 5, 2022 By admin 0 comments नमस्ते शारदे देवी, सरस्वती मतिप्रदे।वसत्वम् मम जिव्हाग्रे, सर्वविद्याप्रदाभव।।नमस्ते शारदे देवी, वीणापुस्तकधारिणी।विद्यारंभम् करिष्यामि...Continue reading
09 Aug Shlok Krishan Shlok June 30, 2023 By admin 0 comments वासुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्।देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥अर्थ - वसुदेव पुत्र, कंस और चाणूर जैसे दैत्यों का वध करने व...Continue reading
09 Aug Shlok Pratah Kaal (Prabhat) Shlok September 5, 2022 By admin 0 comments कराग्रे वसते लक्ष्मी:, करमध्ये सरस्वती ।कर मूले स्थितो ब्रह्मा:, प्रभाते करदर्शनम ॥अर्थ -हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी, मध्य सरस्वती और म...Continue reading
09 Aug Shlok Laxmi Mata Shlok June 30, 2023 By admin 0 comments कराग्रे वसते लक्ष्मी:, करमध्ये सरस्वती ।कर मूले स्थितो ब्रह्मा:, प्रभाते करदर्शनम ॥अर्थ -हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी, मध्य सरस्वती और म...Continue reading
09 Aug Shlok Vishnu ji Shlok June 28, 2023 By admin 0 comments शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं ।विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ॥लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं ।वन्दे विष्णु भवभयह...Continue reading
09 Aug Shlok Hanuman Ji Shlok June 28, 2023 By admin 0 comments अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहंदनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशंरघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।अर्थ: अतुलित बल के स...Continue reading
09 Aug Shlok Nav Grah Shlok September 5, 2022 By admin 0 comments ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी, भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।अर्थ -ब्रह्मा, विष्णु...Continue reading
09 Aug Shlok Shree Ram Shlok September 14, 2022 By admin 0 comments नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम सीतासमारोपित वामभागम् |पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ||अर्थ -नील कमल के समान श्यामल, सुंदर, साँ...Continue reading
09 Aug Shlok Shani Dev Shlok June 28, 2023 By admin 0 comments नीलांजन समाभासम्रविपुत्रम यमाग्रजम्छाया मार्तंड सम्भूतम्तम नमामि शनैष्चरम्शनि देवाय नमो नम: अर्थ - नीले पर्वत के समान चमकने वाले, रवि (...Continue reading