Shlok Krishan Shlok June 30, 2023 Posted by admin 09 Aug वासुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्।देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥अर्थ – वसुदेव पुत्र, कंस और चाणूर जैसे दैत्यों का वध करने वाले,देवकी के परमानन्द, जगद्गुरु भगवान कृष्ण को वन्दन आकाशात् पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम् |सर्वदेवनमस्कार: केशवं प्रति गच्छति || अर्थ – जिस प्रकार आसमान से बरस कर जल सागर की और ही जाता है,उसी प्रकार सभी देवताओं को किया हुआ नमन भी श्री हरि (श्रीकृष्ण) को ही समर्पित होता है॥