Shlok

Saraswati Mata Shlok

नमस्ते शारदे देवी, सरस्वती मतिप्रदे।
वसत्वम् मम जिव्हाग्रे, सर्वविद्याप्रदाभव।।
नमस्ते शारदे देवी, वीणापुस्तकधारिणी।
विद्यारंभम् करिष्यामि, प्रसन्ना भव सर्वदा।।

अर्थ -हे विद्याप्रदायिनी शारदा देवी! हमारी जिव्हा के अग्र भाग में वास कर, हमें समस्त विद्याओं का ज्ञान प्रदान कीजिए। हे वीणा एंव ज्ञान की पुस्तक हाथों मे धारण करने वाली देवी शारदे, हम विद्यारंभ कर रहे हैं, आपको नमन करते हैं, आप हम पर अपनी कृपया सदैव प्रदान करें।।

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